दर्द शायरी हिंदी में / सैड शायरी संग्रह / हिंदी शायरी
जो वादों से मुकरने की आदत रही है तुम्हारी इसी मानसिकता में अपनी अधूरी चाहत रही हैं दोनों में शिकवा गिला मुसलसल जारी रहा है जब से दिल लगाया है मैं मोहब्बत को तरसता रहा हूंआज भी कुछ ऐसी बातें है जो सजा दे रही है उस बेवफा की याद दिला दे रही है तन्हाई का जहर पीकर मर रहा हूं वह नए यार के संग मौज मस्ती में दिन बिता ले रही है
मैं यूं ही नहीं टूटकर बिखर गया हूं मीठी मीठी बातों में धोखा मिला है बेवफाई का दर्द झेलकर मुझे इश्क से नफरत हो गई है
मन उदास रहने लगा है इश्क की ख्वाहिश अधूरी रह गई उसे पाने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ा हूं मगर फिर भी अपनी चाहतों पर पानी फिर गया है
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