बेहद ठंड बढ़ चुकी है सर्दियों से बचने का भरपूर इंतजाम होना चाहिए जो बेबस लाचार गरीब है सच्ची इंसानियत यही होगी कि उनके हक में भी कुछ अनुदान होना चाहिए
मुश्किल वक्त को देखकर निराश होना छोड़ दो किस्मत बदलने का अपनी दिनचर्या में कुछ हुनर जोड़ लो धीरे-धीरे ही सही एक दिन ख्वाहिशों की मंजिल मिल जाएगी
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