Hindi shayari | love shayari | shero shayari
अब अकेले गुजर ना हो पाएगा ख्वाबों खयालों में रहने लगी हो ऐसा महसूस होने लगा है जैसे रूह बेतहाशा मोहब्बत करने लगी हो
तुम्हारी आंखों में अजब सा मोहब्बत का खुमार देखा है मीठी मीठी बातों में प्यार देखा है बेशक इजहार करने से कतरा रही हो मगर तुम्हारे दिल में अपने इश्क का एहसास देखा है
तुझ में शामिल कुछ इस तरह हो चुका हूं अब अलग होना मुमकिन नहीं है मुलाकात की बेताबियां रहती है मैं कैसे कहूं मुझे मोहब्बत नहीं है
जी करता है अब अपना हक जताना छोड़ दूं तन्हाइयों की तरफ फिर अपना रुख मोड़ दूं जिसकी उम्मीद अभी थोड़ी बहुत बाकी थी वह उम्मीद छोड़ दूं
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