मेरे इश्क को तमाशा बना दिया जब मेरी दीवानगी हद पार कर गई तो उसने कुछ और अपना इरादा बना लिया अपनी तकदीर में बस इतना ही लिखा था खुद को समझाया बहुत मगर उसके बिना जिंदगी बेकार लगने लगी है
अब अपनी मोहब्बत बयां कर नहीं सकते हालात कुछ यूं हो गए हैं कि मुलाकात कर नहीं सकते तुम्हें खोने का गम बहुत है जिंदगी में मगर तन्हाई में पूरी जिंदगी बर्बाद कर नहीं सकते
आहिस्ता आहिस्ता टूटा हूं बेवफाई की हद होती है अक्सर एक तरफा मोहब्बत तन्हाई की गढ़ होती है
एक टिप्पणी भेजें