मोहब्बत को ठुकरा दिया-SHAYARI

1.मोहब्बत को ठुकरा दिया, मेरा क़सूर बस इतना था मै गरीब था ,वो अमीर थी दिल ने बेशुमार मोहब्बत की पूछना चाहते है जहाँ वालो अमीरी गरीबी में दिल का क्या क़सूर था
2.वो आईना के सामने बैठकर, अपने खुबसूरती से सवाल करती है तू इतनी सुंदर है, मस्त जवानी आज नहीं सुरु करेंगी तो क्या बुढ़ापे में सुरु करेंगी प्रेम कहानी मौज़ कर ले ,किसी से प्यार कर ले
3.वे चलाते है आंखो से तीर तो चला लेने दो मिलाते है इश्क़ में ज़हर तो मिला लेने दो लौट आयेंगे कुछ दूर जाकर उन्हें भी जमाना आजमा लेने दो
4. बेवफ़ा ज़ख्म पर मरहम लगाने से, फ़ायदा न होगा क्योंकि इश्क़ में वो घाव दिये थे तुमने जो कैंसर बन चुके है
5.बहुत खुबसूरत लगती हो, चमचमाते इन लहंगो में बस जाने अब मुझको, कजरारे इन नैनो में
6. वो बेख़बर मुझें प्यार उससे हो गया नींद पहले खो गयी अब चैन मेरा खो गया
7. इंसान वही रहना पसंद करता है जहां उसे प्यार मिलता है धोखेबाज़ है लाखों बड़ी मुश्किल से सच्चा यार मिलता है 8.ख़्वाबो और ख्यालो में बस तुम ही रहती हो मै तुमसे मोहब्बत करता हूँ तुम इंकार क्यूँ करती हो

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