मै बचपन से अनाथ हूँ-SHAYARI

1. मै बचपन से अनाथ हूँ कुछ भी नहीं रहा मेरा लुट लिया सबने मिलकर बस एक सहारा है तेरा
2.ज़िंदगी में मेरे आके जीवन में खुशियां ला दो तुम जो कभी न मुरझाए ऐसा फूल खिला दो तुम
3. निकल न जाये जान कही छोड़ दो अपना हद ये नैन बने है घर मेरा ये जुल्फ़ बनी है छत
4.अपनों से दूर जाके अपनों की याद आती है अपनों की याद आती है तो जान लेके जाती है
5. पूरा हुआ वो प्यारा सपना जो मैनें देखा था कल कल मैने जो किये थे कर्म आज मिला उसका फल
6.मै तुमसे मोहब्बत करता हूँ तुम कहती हो मुझसे प्यार नहीं साथ निभाऊंगा जन्म - जन्म मतलब का यार नहीं
7.जबसे देखा है तुमको दिल तुमसे मोहब्बत कर बैठा जिस रस्ते से जाती हो राहों में आंखे बिछाये बैठा हूँ

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