अपनों की याद आती है-SHAYARI

1. अपनों की याद आती है जो जान निकल जाती है जो दूर हो गयी उसकी क्यूँ याद आती है
2. तुम्हारे प्यार के लिए जान लुटा दूंगा कितना भी रोके जमाना तुझे अपना बना लुगा
3. ज़िंदगी को खिलौना समझ कर खेला, जी भर गया तो फेक दिया तुमने हंस न सकुंगा न रो सकुंगा, क्या दर्द दिया तुमने
4. प्यार तो करता हूँ तुमसे, हिम्मत नहीं कह दू मै अगर इज़ाजत मिल जाये थोड़ा सा प्यार कर लू मै
5. परदेशी साजन दूर रहना सौतन की बाजुओं से में खत लिख रही हूँ औरों के आंसुओ से
6. जब पहली बार मिली थी जन्म-जन्म साथ रहूँगी कहती थी भूल गयी कसमें वादे बदल दिये अपने इरादे
7. चाहकर भूला न सका, न जाने ऐसा क्या था तुम्हारे प्यार में मैं जी रहा हूँ अब भी तुम्हारे इंतजार में
8. वो आये मेरे उदास ज़िंदगी को जीने का बहाना मिल गया मेरे तन्हा जीवन में पल भर के लिए प्यार किसी का मिल गया

0 تعليقات

إرسال تعليق

Post a Comment (0)

أحدث أقدم