भाग्य भरोसे बैठ कर कायर कोसते है-SHAYARI

1. भाग्य भरोसे बैठ कर कायर कोसते है अपनी नसीब को बुद्धिजीवी अपने कर्मो से बना लेते है तक़दीर को
2. प्यासा हूँ मैं, मगर पानी नहीं है तड़पती जवानी का कोई सहारा नहीं है
3. तेरा प्यार साथ हो ग़म कभी छु सकता नहीं याद सताये मुझको तेरे बिन रह सकता नहीं
4. ये आंखो खूबसूरत है इन आंखो में प्यार भरा है जैसा ख़्वाब सजाया मन में मन चाहा यार मिला है
5. मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए एहसान अगर तुम कर दोगी सच कहता हूँ मैं सनम, गागर में सागर भर दोगी
6. आयी बहार ज़िंदगी में तुम्हारे आने के बाद प्यार कितना प्यारा है ये समझा तुमसे दिल लगाने के बाद
7. दुनियां की नजरों से बचके कभी तो मिलने आ जाना मर जाऊंगा तुम बिन मै जीने की आस बढ़ा जाना
8. पास रहके तुम्हारे प्यार को न समझ पाया प्यार क्या चीज़ है दूर होके तुमसे समझ आया

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