मैं भटकता रहा-SHAYARI

1. मै भटकता रहा,कभी इस गली, कभी उस गली तन्हाईयो ने पीछा छोड़ा ही नहीं, खुशियां मिले हम जाये किस गली
2. कभी फुरसत मिले तो सुनाये हाल दिल का मगर तेरे पास मिलने की फुरसत कहां आज आंखो से आंसू बरसते है ए बेवफ़ा इतना बता दे हम जाये भी तो कहां
3. ज़िंदगी ने हमे तन्हा छोड़ दिया दिल ने उससे मोहब्बत की उसने दिल ही तोड़ दिया वादा तो बहुत किया था जाने किस बात से ख़फ़ा होकर रुख अपना मोड़ लिया
4. जिसे चाहा वो मिला ही नहीं, मेरे चाहत का फूल खिला ही नहीं सोचा था बनाउँगा हमसफ़र उनको, मगर उन्होंने इशारा किया ही नहीं
5. वो सच में अपने पास रहे, तो सपनों का क्या काम है जब अपने अपने न रहे, तो अपनों का क्या काम है
6. जहां भी गया तन्हाई मिली, खुशी के तो नामों निशा तक नहीं थे खुशियां राहों में बिखरी पड़ी थी, लेकिन हम सही दिशा में नहीं थे
7. क्या मिला मुझे तुमसे प्यार करके, तन्हाई जुदाई व बर्बादी अब और जुर्म सह सकता, नहीं मुझे चहिए आज़ादी

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