Hindi shayari
मुझे शक है तुम्हारी आशिकी पर कहीं बीच सफर में साथ छोड़ तो नहीं जाओगे हर मोड़ पर मुश्किलें हजार मिलेंगी कहीं रिश्ता तोड़ तो नहीं जाओगे
मुझे भी सफर में अकेला छोड़ दोगे क्या सारे वादों को तोड़ दोगे क्या तुम्हारे बाद तन्हाई के सिवा मेरे पास कुछ और नहीं होगा आओ बैठकर सभी शिकवे गिले को दूर करते हैं आगे कोई गलती और नहीं होगा
मैं इस दिल से हार गया हूं अपने मन को मारा गया हूं अब नहीं मुझे तुम मिल सकती हो यह बखूबी जान गया हूं
मोहब्बत की कशमकश में जिंदगी बर्बाद है फिर भी मेरा दिल कहता है तुमसे प्यार है जो बेवफ़ा हुए जा रही हो शक यकीन में बदलता जा रहा है तुम्हें पाने का इरादा अब सिर्फ एक ख्वाब है
उदासीन जिंदगी है हजार वादों के बाद उसने रुख मोड़ लिया उम्र भर साथ चलने का ख्वाब सजाए करते थे बिना कुछ सोचे समझे अपना साथ छोड़ दिया
वफा के बाद भी टूट कर बिखर गए यकीन होता नहीं है वह इतना बदल गए बेशुमार दौलत कमा लेने की काबिलियत मुझ में थी मगर वह गरीब भिखारी कहकर मुझको ठुकरा गए
तुमको कभी भुला ना पाऊंगा अब किसी और से दिल लगा ना पाऊंगा तुम मेरी जान हो अब दूर होना पड़ा तो जिंदा लाश बनकर रह जाऊंगा
तुम्हारी मोहब्बत में रफ्ता रफ्ता टूटे हैं अब लगने लगा है सारे कसमे वादे झूठे हैं सभी ख्वाहिशें बिखर गई है क्यों पहचान न सका बेवफा इरादों को इसीलिए खुद से ही रुठे हैं
घर बसाने की तमन्ना में बेघर हो गया हूं सच्ची मोहब्बत करके भी तन्हा हो गया हूं आखिरी पड़ाव पर सभी कसमे वादे टूट गए
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