किसे सुनाये हम अपने बेरंग जवानी के किस्से-SHAYARI

1.किसे सुनाये हम अपने बेरंग जवानी के किस्से सब तो टूटा फूटा है प्रेम कहनी के किस्से कौन है अपना कौन पराया सबको लगाते है दिल से
2.फूलों से नाज़ुक हो तुम कितनी भोली हो तुमको कौन न दिल दे बैठे जो इतनी प्यारी मीठी बोली हो
3.कल तो मिले अनजाने थे आज बनी पहचान रसगुल्ले खिलवाती है अपनी यही ज़ुबान
4.अभी राज दिल में बाकी है साज़ दिल में बाकी है जो ज़ख्म दिया है दिल पर वह बात दिल में बाकी है
5.जब पहली नज़र में कोई हसीना पसंद आ जाये हम प्यार करना चाहे और तकरार हो जाये खुदा से इतना दुआ करेगे उनको भी मुझसे प्यार हो जाये

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