अच्छी शायरी | shayari in Hindi

बेहद ठंड बढ़ चुकी है सर्दियों से बचने का भरपूर इंतजाम होना चाहिए जो बेबस लाचार गरीब है सच्ची इंसानियत यही होगी कि उनके हक में भी कुछ अनुदान होना चाहिए

मुश्किल वक्त को देखकर निराश होना छोड़ दो किस्मत बदलने का अपनी दिनचर्या में कुछ हुनर जोड़ लो धीरे-धीरे ही सही एक दिन ख्वाहिशों की मंजिल मिल जाएगी

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